राजस्थान के जालोर में 9 साल के दलित छात्र इंद्र कुमार की टीचर के पिटाई किए जाने से मौत हो गई. छात्र ने स्कूल में पानी का घड़ा (मटका) छू लिया था. इसी बात से बौखलाए टीचर छैल सिंह ने बच्चे के साथ क्रूरता की. पिटाई में बच्चे के कान की नस फट गई और 25 दिन इलाज के बाद उसकी गुजरात के अहमदाबाद में मौत हो गई. जिस स्कूल में ये छुआछूत जैसी कुप्रथा की घटना सामने आई, वहां 100 से ज्यादा अनुसूचित जाति और जनजाति से ताल्लुक रखने वाले बच्चे पढ़ते हैं.
परिजन बताते हैं कि बेटे का 23 दिन लगातार इलाज चला. पहले बागोड़ा, फिर भीनमाल, डीसा, मेहसाणा, उदयपुर और बाद में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया. 6 अस्पताल के डॉक्टर्स ने बच्चे की जिंदगी बचाने की भरसक कोशिश की. मगर, अंत में सारे प्रयासों पर पानी फिर गया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सियासत गरमाने के बाद ट्वीट किया और घटना की निंदा की. परिवार को 5 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. बच्चे का शव रविवार को सायला उपखंड मुख्यालय पर पहुंचेगा. वहां भीम आर्मी के चीफ समेत एससीएसटी के विभिन्न संगठन हंगामा की तैयारी में हैं. यहां धरना-प्रदर्शन कर परिवार के लिए बड़ी मांगें रखी जाएंगी, जिसमें बड़ा आर्थिक पैकेज और स्कूल की मान्यता रद्द करने जैसी मांग की जा सकती है.