भारतीय नौसेना के लिए आज दिन अहम है। नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) शामिल हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में इसे देश को समर्पित कर दिया। कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी।
भारत में बना पहला एयरक्राफ्ट कैरियर कितना ताकतवर?
भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर कितना ताकतवर है? भारत के पास अब तक कुल कितने एयरक्राफ्ट कैरियर रहे हैं? एक स्वदेशी विमानवाहक पोत होने से भारत की नौसैनिक क्षमताओं में कितना फर्क आएगा?
बजट से लेकर क्षमता बढ़ाने तक पर हो रहा काम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीज़न और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरंदाज किया जाता रहा। लेकिन, आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है।इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक, हर दिशा में काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है। वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।
ब्रिटिश काल में समुद्री सामर्थ्य को तोड़ने का हुआ था फैसला
प्रधानमंत्री ने कहा, इतिहास गवाह है कि कैसे ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए। उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। लेकिन, छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे।
भारतीय नौसेना के वर्तमान ध्वज के ऊपरी बाएं कोने में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस है। भारतीय नौसेना ब्रिटिश काल में ही अस्तित्व में आ गई थी। दो अक्टूबर, 1934 को नौसेना सेवा का नाम बदलकर रॉयल इंडियन नेवी किया गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बनने के साथ रॉयल को हटा दिया गया और इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया। हालांकि, ब्रिटेन के औपनिवेशिक झंडे को नहीं हटाया गया। अब पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना के नए झंडे का अनावरण किया है।