तुर्किए और सीरिया में आए महा विनाशकारी भूकंप में अभी तक मरने वालों की संख्या 50 हजार हो चुकी है। भयावह भूकंप में अभी तक तुर्की और सीरिया में करीब 5,20,000 अपार्टमेंट्स सहित 1,60,000 इमारतें ढह गई थी। तुर्किए में भूकंप के झटके 6 फरवरी को महसूस किए गए थे और पहला झटका सुबह 4.17 बजे आया और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी। इस महा विनाशकारी भूकंप का केंद्र दक्षिण तुर्किए का गाजीऐंटेप था, जहां सबसे ज्यादा जनहानि दर्ज की गई है।
लगातार आए भूकंप के 3 झटके
6 फरवरी को सुबह 7.8 तीव्रता का भूकंप आने के बाद ही लोग खुद को संभाल पाते, उसके कुछ देर बाद ही 6.4 और 6.5 तीव्रता का फिर भूकंप आया। भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिये और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी। इसके बाद शाम को 4 बजे भी भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। इसके बाद शाम को 5.30 बजे भूकंप का 5वां झटका आया था।
भारत ने शुरू किया ‘ऑपरेशन दोस्त’
6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप में तुर्किए और सीरिया के विभिन्न इलाकों में हजारों लोगों के मारे गए हैं और लाखों लोग इस भूकंप में घायल हुए हैं। पीड़ित लोगों की सहायता के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ शुरू किया था। लंबे बचाव अभियान के बाद रविवार को ही आखिरी टीम भी तुर्किए से लौट आई है। भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत 151 NDRF कर्मी और डॉग स्क्वॉड की 3 टीमें भूकंप प्रभावित तुर्किए में भेजी थी। बचाव ऑपरेशन जब समाप्त हुआ तो NDRF की टीम को तुर्किए के अधिकारियों ने तालियां बजाकर गर्मजोशी के साथ अलविदा कहा। हर कोई भारत से मिली मदद की तारीफ कर रहा था।