केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी 28 सितंबर को दिल्ली में एक नई Toyota Flex Fuel कार से पर्दा हटाएंगे। गडकरी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि वह फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाली कार लॉन्च करेंगे। हालांकि, उन्होंने मॉडल का उल्लेख नहीं किया। इनका कहना है, कि भारत में ऐसे इंजनों की व्यवहार्यता को मापने के लिए वाहन को पायलट आधार पर आजमाया जाएगा। जिसके बाद ही भविष्य में इस पर काम किया जाएगा।
ईंधन पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल का मिश्रण होते हैं, और यह ईंधन पेट्रोल से सस्ता होगा। इथेनॉल जिसे आमतौर पर जैव ईंधन के रूप में जाना जाता है, अन्य चीजों के अलावा गन्ने से बनी शराब का एक शुद्ध रूप है। कुल मिलाकर एक फ्लेक्स फ्यूल इंजन मूल रूप से स्टैंडअलोन या मिश्रित ईंधन पर चल सकता है।
फिलहाल, न तो टोयोटा और न ही मंत्री ने कार के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, कि कौन-सी कार को पेश किया जाएगा। लेकिन संभावना है कि मॉडल E85 होगा। E85 एक इथेनॉल भारी पेट्रोल मिश्रण है, जिसमें 50-80% इथेनॉल होता है। माना जा रहा है, कि बाद में अन्य जैव ईंधन जैसे जैव-सीएनजी (Bio-CNG) को भी भारत में पेश किया जा सकता है।
बता दें, कि टोयोटा अकेली कार निर्माता नहीं है, जो भारत में फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाले वाहनों के साथ आने वाली है। अगस्त 2022 में यह पता चला था कि मारुति ने अपने फ्लेक्स फ्यूल इंजन विकल्प पर काम शुरू कर दिया था, जो कि 85 प्रतिशत इथेनॉल पावर E85 को स्पोर्ट करेगा। यह पहली बार नहीं है जब गडकरी की सरकार और टोयोटा ने पायलट प्रोजेक्ट के लिए हाथ मिलाया है। 2022 की शुरुआत से गडकरी भारत में हाइड्रोजन कारों को पेश करने की संभावना का अध्ययन करने के लिए हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन टोयोटा मिराई (Toyota Mirai) में घूम रहे थे।
फ्लेक्स ईंधन इंजन विशेष रूप से ट्यून किए गए आंतरिक दहन इंजन हैं, जो पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण पर चल सकते हैं। इनकी खास बात होती है, कि ये 100 प्रतिशत इथेनॉल पर भी चल सकते हैं। भारत सरकार वाहनों के उत्सर्जन को कम करने और ईंधन आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए फ्लेक्स.फ्यूल इंजन को बढ़ावा दे रही है। 2021 में गडकरी ने भारत में वाहन निर्माताओं से फ्लेक्स.फ्यूल इंजन का निर्माण शुरू करने का अनुरोध किया था।