संयुक्त किसान मोर्चा ने आज जंतर-मंतर पर महापंचायत करने का एलान किया है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने किसानों को जंतर-मंतर पर महापंचायत करने की अनुमति नहीं दी है। ऐसे में ये तय नहीं है कि किसानों का क्या रुख रहेगा। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि अनुमति नहीं देने की सूरत में किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। हालांकि जो किसान नई दिल्ली में आ चुके हैं वह जंतर-मंतर जा सकते हैं। दिल्ली पुलिस किसानों के रुख को देखते हुए सुबह ही अपनी रणनीति तय करेगी।
दिल्ली यूपी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग लगने से राष्ट्रीय राजमार्ग 9 और गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी वाहनों की कतार लगी है। राजनगर एक्सटेंशन से एलिवेटेड रोड होते हुए यूपी गेट जाने वाले रास्ते पर वाहनों की कतार लगी है।
पुलिस ने इन रास्तों से बचने की दी सलाह
वहीं, पुलिस ने ट्वीट कर वाहन चालकों को जंतर मंतर पर किसानों की महापंचायत के चलते टालस्टाय मार्ग, संसद मार्ग, जनपथ रोड, अशोका रोड, आउटर सर्कल कनॉट प्लेस, बाबा खड़क सिंह मार्ग और पंडित पंत मार्ग से बचने को कहा है। वहीं, किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बाहरी जिले के टिकरी सीमा, प्रमुख चौराहों, रेलवे पटरियों और मेट्रो स्टेशनों पर स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बल की पर्याप्त तैनाती की गई है।
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि एक दिवसीय कार्यक्रम पूर्ण तौर पर शांति और अनुशासन के साथ होगा। यह पंचायत सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित की जाएगी। पंचायत के समापन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस महापंचायत के आयोजन में किसी तरह का व्यवधान डालने का प्रयास करती है तो इसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेवार होगी। किसान नेताओं के पहुंचने के बाद सुबह नौ बजे किसानों का जत्था अलग अलग जगहों से महापंयायत के लिए रवाना होगा। किसान नेता अभिमन्यु कुहाड़ ने बताया कि हरियाणा और पंजाब से आने वाले किसान कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) फ्लाईओवर के नजदीक से महापंचायत के लिए रवाना होंगे।
एसकेएम (अराजनैतिक) के संयोजक शिवकुमार शर्मा (कक्काजी) के मुताबिक अपनी मांगों के समर्थन में अलग अलग राज्यों के पांच हजार से अधिक किसान पहुंचेंगे। जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण कार्यक्रम के लिए पुलिस से इजाजत मांगी गई हैं। दूसरे संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में किसान महापंचायत में देश के कई राज्यों के किसान शामिल होंगे। उनकी संख्या हजारों में होगी और दिल्ली में काफी किसान पहुंच चुके हैं। महापंचायत के लिए कूच करने से रोका गया तो वहीं महापंचायत करेंगे।
प्रमुख मांगें————————
- लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी
- स्वामीनाथन आयोग के सी2+50 प्रतिशत फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी का कानून
- देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त करने
- बिजली बिल 2022 को रद्द करने
- गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने और बकाया राशि का तत्काल भुगतान
- विश्व व्यापार संगठन से बाहर आए और सभी मुक्त व्यापार समझौते रद्द करने
- किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का तत्काल भुगतान
- अग्निपथ योजना की वापसी
धार्मिक स्थलों पर पहुंचे किसान
सुबह से ही नजदीकी शहरों से पहुंचने वाले किसान दिल्ली के धार्मिक स्थलों खासतौर पर पहुंच रहे हैं। खास तौर पर गुरुद्वारा में रुके हैं। किसानों का आरोप है कि ट्रेन से पहुंचने के बाद रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही कुछ किसानों को पुलिस ने रोक लिया। हालांकि पुलिस ने कानून और व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए रोक लिया, फिर बसों से उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया गया। पिछले साल दिसंबर में किसान आंदोलन खत्म होने के करीब आठ महीने बाद किसानों का समूह एक बार फिर दिल्ली में अपनी मांगों के समर्थन में पहुंचा है। इसे देखते हुए सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बार्डर सहित जंतर मंतर के आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा(अराजनैतिक) में देश के अलग अलग राज्यों के 65 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधि हैं।